पता ही नहीं चला कब अपने खामोश सी मोहब्बत लेकर मेरे दिल में उतर गए ,
अब तो ख्वाबों में भी तुम्हारी तलाश रहती हैं,
मेरी आंखों को सिर्फ तुम्हारी तस्वीर याद रहती है ।
कुछ इस तरह से तुम्हारा इंतजार रंग लाया है,
मेरे होठों पर अब खुदा से भी पहले तुम्हारा नाम आया है।
किसी पुरानी शराब के नशे की तरह चढ़ गई है ,
तेरी मोहब्बत अब मेरे अंदर रच बस गई है ।
मन करता है में ऐलान कर दु ,
तुम अब सिर्फ मेरे हो यह एक बात कर दूं,
तुम पागल ना समझना मुझे तेरी मोहब्बत का नशा है, कितनी बार भी कह दूं कम है कि तू अब मेरे लिए खुदा है ।
जिस नजारे में तुम ना हो वो नजारा अब समझ नहीं आता,
मुझे अब हमारा समझ आता है तुम्हारा और मेरा समझ नहीं आता ,
तुम्हारी खामोशियां भी कुछ इस तरह से बातें कर जाती है मुझसे,
लफ्जों की कमी का ख्याल भी नहीं आता,
तुम हो तो मेरे होने का मतलब भी है नहीं तो इस जिंदगी का मकसद समझ नहीं आता ।